नवजात शिशु की सर्दियों में देखभाल आयुर्वेदिक उपाय
सर्दियों में नवजात शिशु की देखभाल बहुत महत्वपूर्ण होती है | ठंडी हवा और शुष्क वातावरण शिशु की नाजुक त्वचा और स्वास्थ्य पर असर डाल सकते है | आयुर्वेद में कुछ सरल और प्राकृतिक उपाय बताए हैं ,जो नवजात शिशु को ठंड से बचाने और उनकी त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
1. शिशु की त्वचा की देखभाल
सर्दियों में नवजात शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है। आयुर्वेद के अनुसार, हल्के और प्राकृतिक तेल जैसे तुलसी, नारियल या बादाम का तेल शिशु की त्वचा को मॉइस्चराइज रखने में मदद करते हैं। रोजाना हल्की मसाज से रक्त संचार बढ़ता है और त्वचा मुलायम रहती है।2. शिशु का आयुर्वेदिक तेल मसाज
नवजात शिशु का बेबील ऑयल मसाज उनके शरीर की गर्मी बनाए रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद है। मसाज के लिए हल्का गर्म तेल प्रयोग करें और इसे दिन में 10-15 मिनट हल्के हाथ से करें।3. सर्दियों में शिशु का स्नान
शिशु का स्नान सर्दियों में कम समय के लिए करना चाहिए। गुनगुना पानी और हल्के आयुर्वेदिक साबुन का इस्तेमाल करें। स्नान के तुरंत बाद शिशु को जल्दी सुखाएं और तेल मसाज करें।4. शिशु के लिए पोषण और हाइड्रेशन
नवजात शिशु को माँ का दूध ही मुख्य आहार होना चाहिए। दूध में प्राकृतिक तत्व होते हैं जो सर्दियों में शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। अगर डॉक्टर अनुमति दें, तो हल्का गर्म दूध थोड़ी मात्रा में दिया जा सकता है।5. शिशु की गर्मी और नमी बनाए रखना
शिशु को ठंड से बचाने के लिए कपास के मुलायम कपड़े पहनाएं। सिर को ढकना और शरीर को हल्की ढालना जरूरी है। कमरे में नमी बनाए रखने के लिए हल्का गर्म पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है।6. शिशु के लिए प्राकृतिक घरेलू नुस्खे
- हल्दी और घी: हल्दी को गुनगुने घी में मिलाकर हल्की मात्रा में शिशु की त्वचा पर लगाना।
- तुलसी का अर्क: सर्दी-जुकाम से बचाव में मदद करता है।
- शहद (1 वर्ष से ऊपर के बच्चों के लिए): इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक।

